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REWA : साहब, मैं इस भैंस का दूध पीकर पुलिस में भर्ती हुआ, इसकी देखभाल के लिए छुट्टी दे दो


रीवा. किस्सा रीवा (rewa) ज़िले का है. यहां एक पुलिस कॉन्सटेबल ने छुट्टी (leave) मांगी है. छुट्टी कहीं सैर-सपाटे के लिए नहीं और न ही कोरोना संक्रमण (corona) के इस दौर में किसी इंसान की तीमारदारी के लिए ली है. बल्कि उसकी भैंस (Buffalo) बीमार है. कॉन्सटेबल (Constable) उसकी सेवा करना चाहता है.

रीवा ज़िले में एसएएफ 9 वीं बटालियन में पदस्थ आरक्षक कुलदीप तोमर के नाम से एक पत्र इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी तेजी के साथ वायरल हो रहा है. इसमें आरक्षक ने बीमार भैंस की सेवा करने के लिए विभाग से छुट्टी की मांग की है. कॉन्सटेबल ने पत्र में यह भी लिखा है कि उन्होंने हमेशा इस भैंस का दूध पिया है. इसी का दूध पीकर वो पुलिस में भर्ती हुआ है. इसलिए अब उस का कर्ज़ अदा करना है


मामला सामने आते ही अधिकारियों ने कॉन्सटेबल कुलदीप को छुट्टी तो दी नहीं बल्कि उल्टा उसकी फटकार लगा दी. हालांकि अब कुलदीप ऐसा कोई लैटर लिखने से ही इंकार कर रहा है. दरअसल एसएएफ के 9वी बटालियन में पदस्थ आरक्षक कुलदीप तोमर की मां लंबे समय से बीमार हैं. उनकी देखभाल के लिए आरक्षक ने 10 दिन की छुट्टी मांगी थी. कुलदीप के छुट्टी से लौटते ही यह पत्र सोशल मीडिया पर काफी तेजी के साथ वायरल होने लगा.

दूध का कर्ज़ 
कॉन्सटेबल कुलदीप के नाम से वायरल हो रहे पत्र में लिखा है कि मां की तबियत खराब है जिसके लिए उन्हें छुट्टी चाहिए.घर में एक भैंस है जिसने अभी हाल ही में बच्चा दिया है. भैंस की सेवा के लिए घर में कोई नहीं है. पत्र में कुलदीप ने यह भी लिखा कि बचपन से ही वो इस भैंस का दूध पीते आए हैं. इसी का दूध पीकर वो पुलिस भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे. इसलिए उन्हें अब भैंस के दूध का कर्ज़ अदा करना है.

कॉन्सटेबल को फटकार
हालांकि कॉन्सटेबल कुलदीप ने इस बात से इंकार किया है कि उन्होंने ऐसा कोई पत्र लिखा था. वहीं अधिकारियों ने वायरल पत्र की जांच का हवाला दिया है. सूत्रों का कहना है अधिकारियों ने कॉन्सटेबल कुलदीप को फटकार लगाई गई है.